हेलो दोस्तों आज हम आपके लिए लाये है एक नयी तरह के आर्टिकल जिसका नाम है Essay on Samay ka Mahatva in Hindi । इसमें हम आपको बातयेंगे की समय का महत्व कितना जरुरी है
Samay ka Mahatva Essay in Hindi
फ्रेंक्लिन का कथन है- “वक्त को बरबाद न करों क्योंकि जीवन इसी से बना है।“ समय एक अनमोल वस्तु है। संसार की सुख- समृद्धि नष्ट हो जाने पर पुनः संचय की जा सकती है पर जो दिन बीत जाता है उसे वापस नहीं लाया जा सकता। विद्वानों ने समय के सदुपयोग का गुणगान किया है तथा इसे अत्यंत बलवान माना है-
परुष बलि नहीं होत है।
समय होत बलबान।
समय अबाध गति से बढ़ता जाता है। वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। जिस व्यक्ति ने समय का सदुपयोग करना सीख लिया उसने बड़ी से बड़ी उपलधियाँ प्राप्त कर लीं। साधारण व्यक्ति भी समय के सदुपयोग से महान बन जाता है। महान नाटककार शेक्सपीयर ने कहा है ‘जो समय को बरबाद करता है समय उसे बरबाद कर देता है।‘ सभी के लिये समय वही है। यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह समय के महत्व को जाने या उसे बरबाद कर दे। गलत और हानिकारक कार्यों में समय का व्यय समय का दरुपयोग है।
जो व्यक्ति कार्यों के महत्व को ठीक से न समझ कर उन्हें क्रम से नहीं बाँट पाते हैंउनके पास सदा ही समय की कमी रहती है और कोई भी काम आत्मविश्वास से नहीं कर पाते हैं। समय का सदुपयोग करने वाले पठन पाठन, खेल व्यायाम, सामाजिक उत्सव, मनोरंजन चिंतन-मनन सबके लिये समय निकाल पाते हैं। वे अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का आनन्द लेते हैं। कबीर जी के समय के सदुपयोग की महिमा का गुणगान किया है
कल करे सो आज कर, आज करे तो अब।
पल में परदे होयगी बहुरी करोगे कब।।
जो व्यक्ति समय के महत्व को नहीं समझता उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में असफलता व निराशा मिलती है। ऐसे व्यक्ति सदा अपने दुर्भाग्य की दुहाई देकर स्वयं को कोसते हैं। वे बीते समय की याद में अपना भविष्य अंधकारमय बना देते है। तुलसीदास जी ने भी कहा है
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‘का बरखा जब कृषि सुखाने, समय बीता का पुनि पिछताने। ’ अथत समय बीत जाने पर पछताने से कुछ लाभ नहीं। प्रकृति भी समय का पालन करती है। सूर्य-चन्द्रमा ठीक समय पर उगते हैं। ऋतुएँ समय पर आती जाती हैं। पेड़ों पर फलफूल एक निश्चित समय पर आते है। समय का दुरूपयोग व्यक्ति को कायर व आकर्मण्य बना देता है। मानव जीवन की आधर शिला विद्यार्थी जीवन है।
विद्यार्थी जो समाज का महत्वपूर्ण अंग है समय के मूल्य को समझे और उसका सदुपयोग कर अपने जीवन को सुखमय और समृद्धशाली बनाए। यदि विद्यार्थियों में सद्गुणों का समावेश नहीं होगा तो राष्ट्र प्रगति कैसे करेगा?
मनुष्य का जीवन क्षण भंगुर है। इस का एक-एक पल गंवाना उचित नहीं है। समय का पालन इस प्रकार करना चाहिये ताकि बीता समय हमारे लिये सफलताओं के सुनहरे अवसर लाए।
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