हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Rajiv Gandhi in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज हम आपके सामने राजीव गाँधी के बारे में कुछ जानकारी लाये है जो आपको हिंदी essay के दवारा दी जाएगी। आईये शुरू करते है राजीव गाँधी पर निबंध
Essay on Rajiv Gandhi in Hindi
राजीव गाँधी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उस समय वे केवल 40 वर्ष के थे। वे श्रीमती इंदिरा गाँधी के सुपुत्र थे, जो 17 वर्षों तक प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित रही थीं। राजीव गाँधी के पिता श्री फिरोज़ खान भी हमारे देश के नेता थे।
राजीव गाँधी का जन्म मुंबई में 20 अगस्त, 1944 को हुआ था। दिल्ली में अपनी प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात् उन्हें देहरादून के दून स्कूल में दाखिल कर दिया गया। उन्होंने वहाँ से आई.एस.सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ से वापस आने के बाद दिल्ली के फ्लाइंग क्लग के सदस्य बन गए। फिर उन्होंने कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस लिया और सह-पायलट के रूप में इंडियन एअरलाइन्स में नौकरी कर ली। उसके बाद उन्होंने इटली की सोनिया गाँधी से विवाह कर लिया। उनके दो बच्चे हैं-राहुल और प्रियंका।
उनके छोटे भाई संजय गाँधी 23 जून, 1980 को एक हवाई दुर्घटना में मारे गए। 11 मई, 1981 को अपने अथक प्रयासों से वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने और 1981 में ही वे अमेठी से सांसद चुन लिए गए। तत्पश्चात् उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव चुना गया। फिर 31 अक्तूबर, 1984 को श्रीमती इंदिरा गाँधी की अपने ही सुरक्षा गार्डी द्वारा हत्या के बाद राजीव गाँधी प्रधानमंत्री बन गये। और आगजनी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने अनेकों उनलब्धियाँ हासिल की।
श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद देशभर में हत्या, होने लगी। उन्होंने इस अराजकता और अव्यवस्था को कुछ ही घंटों में शांत कर दिया। फिर दिसंबर, 1984 के अंतिम सप्ताह में लोकसभा के चुनाव हुए। इसमें उनकी योग्यता एवं कुशलता आश्चर्यजनक रूप से सबके सामने उभरकर आ गई। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा की 542 सीटों में से 411 सीटें जीत लीं। फिर उन्होंने सबसे पहले लाइसेंस राज’ को समाप्त किया, शिक्षा व्यवस्था को सुधारा, विज्ञान और टैक्नोलॉजी के विकास को एक नया स्वरूप प्रदान किया और संयुक्त राष्ट्र संघ से अच्छे संबंध स्थापित किए।
प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए राजीव गाँधी ने एक स्वच्छ और ईमानदार सरकार देने का अपना वादा शत-प्रतिशत पूरा किया। राजीव गाँधी 1991 में चुनाव होने तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। उसी चुनाव अभियान में, एक आत्मघाती एल.टी.टी.ई. महिला थेनमुली राजरतनम ने उनकी हत्या कर दी। वह दिन 21 मई, 1991 था जब उनकी उम्र मात्र 46 वर्ष थी। उस समय वे तमिलनाडु के श्री पेरूंबुदूर में थे। तत्पश्चात् उनकी महान् उपलब्धियों और देश की सेवा के लिए उन्हें (मरणोपरांत) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार भारत रत्न से विभूषित किया गया। इससे पूर्व श्रीमती इंदिरा गाँधी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था। ये पुरस्कार पाने वाले वे 40वें व्यक्ति थे।
भारत के लिए उनकी महान् उपलब्धियाँ सदैव स्मरण रहेंगी।
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