Essay on Radio in Hindi रेडियो आकाशवाणी पर निबंध

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हेलो दोस्तों आज फिर में आपके लिए लाया हु Essay on Radio in Hindi पर पुरा आर्टिकल। भारत देश दुनिया का सबसे अलग है जो अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है यहाँ पर radio की अपनी अलग पहचान है। आज आपको essay on radio की जानकारी हिंदी में देंगे ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो जाये। आईये पढ़ते है Essay on Radio in Hindi या रेडियो आकाशवाणी पर निबंध

essay on radio in hindi

Essay on Radio in Hindi

 

प्रस्तावना :

विज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण देन रेडियो भी है। इसने हमारे जीवन को अपनी ओर आकर्षित करने में बहुत सफलता प्राप्त की है। यह एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हमें अनेक जानकारियाँ, समाचार तथा शिक्षाएँ प्राप्त होती हैं। रेडियो एक श्रव्य साधन है। रेडियो केवल मनोरंजन का ही साधन नहीं अपितु संचार के साधनों में भी इसका स्थान अति महत्त्वपूर्ण है। युद्ध तथा शान्ति दोनों समय में यह हमारा सच्चा साथी है। यह सभी को समान रूप में मनोरंजन करता है।

रेडियो का आविष्कार :

इटली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘मार्कोनी’ ने रेडियो का आविष्कार किया था। जब उन्होंने शान्त पानी में पत्थर का एक टुकड़ा फेंका तो उन्हें उससे उत्पन्न होने वाली तरंगों से प्रेरणा मिली और उन्होंने रेडियो का आविष्कार किया। सबसे प्रथम रेडियो स्टेशन की स्थापना मार्कोनी ने सन् 1895 ई. में इंग्लैण्ड तथा अमेरिका के बीच की थी।

रेडियो का आधुनिकरण :

रेडियो एक महान श्रव्य साधन है जिसकी प्रक्रिया ध्वनि प्रसार है। यह बिना किसी तार के एक स्थान की ध्वनि को दूसरे स्थान पर पहुँचाता है। इस ध्वनि का आधार विद्युत की चुम्बकीय लहरें होती हैं। बिजली द्वारा आकाशवाणी केन्द्र द्वारा ध्वनियों को चुम्बकीय लहरों में परिवर्तित कर दिया जाता है। ये लहरें एक ही क्षण में पूरे आसमान में फैल जाती हैं।

वहीं से इन लहरों को घरों अथवा दुकानों आदि में लग रेडियो-यंत्र तुरन्त पकड़ लेते हैं। रेडियो में स्टेशन बदलने के लिए एक सुई लगी होती है जिसकी सहायता से सुनने वाला व्यक्ति अपनी इच्छानुसार उस सई को इच्छित स्थान पर लगाकर प्रत्येक कार्यक्रम सुन लेता है।

रेडियो-मनोरंजन का श्रेष्ठ साधन :

आज के युग में जब इंसान इतना व्यस्त जीवन जी रहा है कि उसके पास अपने लिए ही समय नहीं है, वह रेडियो पर घर बैठकर, कहीं भी, रास्ते में ही सारी जानकारियाँ अपने कानों से सुन सकता है। वह गाने सुन सकता है, नाटक सुन सकता है तथा अन्य अपनी रुचिनुसार कार्यक्रमों का आनंद ले सकता है। रेडियो हर आयु वर्ग के व्यक्तियों के मनोरंजन का साधन है क्योंकि इसमें सभी के मनपसंद कार्यक्रम आते हैं।

बच्चों के लिए बाल-जगत की कहानियाँ, युवा वर्ग के लिए चित्रपट-संगीत, वृद्धों के लिए भजन तथा महिलाओं के लिए ‘बहिनों का कार्यक्रम’ आदि प्रसारित किए जाते हैं। ग्रामीणों तथा किसानों के लिए भी इसमें उचित जानकारियाँ आती हैं। इस प्रकार पूरा देश इस साधन द्वारा अपना मनोरंजन कर सकता है।

उपसंहार :

रेडियो मनुष्य के जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अपना कार्य जैसे सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, खाना बनाना, बर्तन धोना, बढ़ईगिरि करना या फिर कोई दूसरा कार्य करते समय भी आनन्द ले सकते हैं। यह समाचारों को तीव्र गति से चारों ओर फैलाने का कार्य करता है। इसका एक महत्त्वपूर्ण कार्य शिक्षा प्रसार भी है। बच्चों के लिए विशेष रूप से रेडियो में शिक्षाप्रद जानकारियाँ आती हैं।

रेडियो में खोए हुए व्यक्तियों की जानकारी, व्यापार भाव, देश-विदेश की जानकारियाँ, ‘मौसम की सूचना तुरन्त मिल जाती है। आज के मॅहगाई वाले समय में  मनोरंजन तथा सम्पूर्ण जानकारियाँ प्राप्त करने का इससे सस्ता तथा सरल  साधन दुसरा नहीं है।

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Essay on Radio in Hindi

रेडियो का आविष्कार मारकोनी ने किया । मारकोनी इटली के निवासी थे। उन्होंने ‘बेतार के तार’ नियमों पर चलकर सन १८९६ में इसे बनाने में सफलता प्राप्त की। सन् १९०२ में इसके द्वारा समुद्र पार समाचार भेजे जाते थे। इसके बाद यूरोप और अमरीका के बड़े-बड़े नगरों में ब्राडकास्टिग स्टेशन (रेडियो प्रसारण संस्थान) स्थापित किये गए। | भारत में सबसे मुख्य रेडियो स्टेशन नई दिल्ली में है।

इसका नाम आकाशवाणी भवन है। वहां से प्रातः के ६ बजे से रात के ११ बजे तक–समाचार, गाने, नृत्य, भाषण, बच्चों के प्रोग्राम, फौजी भाइयों के कार्यक्रम, सरकारी सूचनाए’, विज्ञापन आदि प्रसा- रित होते रहते हैं।

रेडियो द्वारा विचारों का प्रचार सफलता से किया जा सकता है। रेडियो द्वारा संसार-भर के समाचार कुछ ही मिनटों में सुने जा सकते हैं। बड़े-बड़े नेताओं के, विद्वानों के तथा धर्म गुरुओं के व्याख्यान सुने जा सकते हैं।

बाजार भाव, मैचों का आंखों देखा हाल, देश या नगर में होने वाली घटनाएं सुनी जा सकती हैं। रेडियो विज्ञान की एक अनोखी देन है। ट्रांजिस्टर बनने से रेडियो का लाभ गांवों, जंगलों और पहाड़ों में रहने वालों तक पहुंच गया है।

Essay on Radio in Hindi

आकाशवाणी अथवा रेडियो आधुनिक विज्ञान की एक ऐसी देन है जिसने आधुनिक मानव-समाज को सर्वाधिक प्रभावित एवं आकर्षित किया है। यह एक ऐसा श्रव्य माध्यम है जो अनेक प्रकार की जानकारियाँ, शिक्षाएं, समाचार आदि देने के साथ-साथ घर बैठे-बैठे अनेक तरह से हमारा मनोरंजन भी किया करता है। यह मानव का बहुत अच्छा मित्र है। रेडियो का आविष्कार इटली के मार्कोनी नामक एक वैज्ञानिक ने किया था।

उसने शान्त जल में पत्थर का टुकड़ा फेंकने से उत्पन्न लहरों से प्रेरणा पाकर ही इसका आविष्कार किया था। इसके बाद कई वैज्ञानिकों ने रेडियो में काफी सुधार किए हैं।

उनके सुधार के फलस्वरूप ही यह अधिक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण बन पाया है। आज यह इतना सरल साधन बन गया है कि इसे हम ट्रांजिस्टर के रूप में अपनी जेबों तक में लिए घूम-फिर सकते हैं। यह हमारा प्रत्येक स्थान पर मनोरंजन कर सकता है। रेडियो को जन-जन तक पहुँचाने वाला केन्द्र संन् 1921 ई. में इंग्लैण्ड में स्थापित किया गया था। वहाँ से पहली बार इंग्लैण्ड से लेकर न्यूजीलैण्ड तक समाचार प्रसारित एवं प्रेषित करके इस आविष्कार ने सारे विश्व को चकित एवं विस्मित कर दिया था।

सर्वप्रथम तो रेडियो से केवल संवाद ही सुने जाते थे। बाद में अनेक वैज्ञानिकों के सुधार के बाद तो उसके द्वारा गीत, संगीत, कविता, कहानी और नाटक आदि भी सुने जाने लगे। इसके द्वारा कार्यक्रमों को प्रसारित करने के लिए विश्व के कई देशों में रेडियो स्टेशन खुले। यह हजारों-लाखों कलाकारों, तकनीशियनों, निर्माताओं, विक्रेताओं व अन्य कर्मचारियों के घर-परिवार के लिए रोजी-रोटी का साधन बना हुआ है।

इसके माध्यम से व्यापारी वर्ग अपनी वस्तुओं के विज्ञापन देकर अपने लाभ में वृद्धि कर लेते हैं। यह प्रतिदिन प्रातः से लेकर सायं तक ताजे समाचारों के अनेक बुलेटिन प्रसारित करके लोगों की जानकारियों को सहज ही अन्तर्राष्ट्रीय आयाम प्रदान कर देता है। यह हमें नई-से-नई सूचनाएँ, कृषि-कार्यों और मौसम आदि की जानकारी भी देता रहता है।

यह छात्रों के लिए परीक्षापयोगी विषयों का प्रसारण भी करता रहता है। इसके द्वारा खोया-पाया, रेलवे और वायुयान आदि की समय-सारिणी तथा बाजार-भाव भी बताए जाते हैं। इन्हीं सब तथ्यों के आधार पर इसके महत्त्व को समझा जा सकता है। विज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण देन आज, का एक सदाबहार आविष्कार बन गया है। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर आकाशवाणी को ‘भानूमती का पिटारा’ कहना सर्वथा उचित ही है।

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रेडियो आकाशवाणी पर निबंध

रेडियो विज्ञान का सबसे आश्चर्यजनक और अद्भुत आविष्कार है। रेडियो का प्रसारण मनोरंजन का एक प्रमुख साधन है। इसकी लोकप्रियता अब भारत के हर गाँव और शहर में फैल चुकी है। मनोरंजन के साथ-साथ यह ज्ञान-प्राप्ति का भी एक मुख्य साधन है। रेडियो पर ज्ञानपूर्ण कार्यक्रम भी आते हैं। रेडियो पर विभिन्न प्रकार के मनोरंजनपूर्ण कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।

यह हमारी बोरियत और थकान दूर करता है तथा मधुर गीतों से हमें तरोताजा करता है। रेडियो का प्रसारण केवल मनोरंजन का ही स्रोत नहीं है, बल्कि सूचना एवं समाचार का भी मुख्य स्रोत है। शिक्षा की दृष्टि से भी रेडियो के प्रसारण का बड़ा महत्व है। यह देश से निरक्षरता मिटाने का भी सबसे प्रमुख साधन है। रेडियो स्टेशन से कला एवं साहित्य, विज्ञान एवं दर्शन, व्यापार व वाणिज्य विषयों पर भी वार्ता होती है।

यह विश्व के हर देश की खबरें हमें देता है। व्यापारिक दुनिया में रेडियो का अपना अलग महत्व है। रेडियो से प्रसारित विज्ञापन अशिक्षित लोगों तक आसानी से पहुँच जाते हैं। सोने-चाँदी एवं अन्य धातुओं, खाद्य पदार्थों, कच्चे माल तथा विश्वभर की विभिन्न वस्तुओं के मूल्य रेडियो पर प्रतिदिन प्रसारित होते हैं। | लोकगीतों के लिए भी रेडियो अत्यंत उपयोगी है।

इसके अतिरिक्त बीमारियों, पाठशाला, कढाई-बुनाई और प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित कार्यक्रम भी रेडियो पर प्रसारित होते हैं। रामायण और गीता पर धार्मिक व्याख्यान भी एक निश्चित दिन रेडियो पर सुनने को मिलते हैं। बच्चों के मनोविज्ञान के बारे में भी रेडियो हमें बताता है।

युद्ध के समय भी रेडियो बहुत लाभदायक सिद्ध हुआ है। सरकार रेडियो द्वारा जनता को सेना की बहादुरी तथा सिपाहियों की विजय के बारे में और शत्रुओं की पराजय के बारे में बताती है और वायरलैस की मदद से जहाजों को खतरे की जानकारी दी जाती है।

रेडियो विज्ञापनों का एक लोकप्रिय, अत्यंत सस्ता एवं सुलभ साधन है। अनेक वस्तुओं के विज्ञापन रेडियो पर प्रतिदिन प्रसारित होते हैं।

अतः ये वस्तुएँ विश्व भर में प्रचलित हो जाती हैं। इसके लिए सीलोन रेडियो अत्यंत लोकप्रिय है। हमारे देश में रेडियो पर विज्ञापन देने का अच्छा स्कोप इसके अलावा हमारे देश में रेडियो बहुत लोकप्रिय एवं प्रचलित हुआ है। इसलिए रेडियो का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।

दूरदर्शन के बढ़ते चलन से रेडियो के कार्यक्रमों में पहले की अपेक्षा बहुत सुधार हुए हैं। आज आवश्यकता यह है कि रेडियो को राजनीतिक एवं सामुदायिक प्रभाव से मुक्त कर देना चाहिए। फिर रेडियो आधुनिक विज्ञान एवं मानवता का एक महान वरदान सिद्ध होगा।

रेडियो आकाशवाणी पर निबंध

विज्ञान के चमत्कारों ने मनुष्य को आश्चर्यचकित कर दिया है, अथवा यह भी कह सकते हैं कि असंभव को संभव करके दिखा दिया है। रेल, विद्युत, मोटर, सिनेमा, बेतार का तार इत्यादि विज्ञान की ही कृपा से प्राप्त हुए हैं। रेडियो तो मनुष्य-जाति के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है।

रेडियो के द्वारा बिना किसी तार की सहायता के एक स्थान के समाचार दूर-दूर स्थानों पर भेजे जा सकते हैं। इसका उपयोग दूर-दूर के समाचार सुनने, गीत व व्याख्यान आदि सुनने में किया जाता है, जहाँ से इन सबका प्रसारण किया जाता है। उसे प्रसारण- केंद्र या ‘ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन’ कहते हैं। उस स्टेशन से भेजे समाचार उन सब लोगों के पास पहुँच जाते हैं, जिनके पास यह रेडियो होता है, चाहे वह ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से कितनी ही दूर क्यों न हो। यदि लंदन के ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से समाचार भेजा जाए तो यहाँ वह कुछ मिनटों में ही आ जाएगा, और जिसके पास रेडियो है, वह उस समाचार को सुन सकेगा। कितना अनोखा आविष्कार है यह ! इससे घर बैठे ही देश-विदेश के सारे समाचार सुने जा सकते हैं।

इसका आविष्कार इटली के एक वैज्ञानिक ने सन् १८९६ में किया था। उन महाशय का नाम जी, मारकोनी था। वह सन् १८७५ से ही इसके प्रयोग कर रहे थे। उनके आविष्कार के पश्चात् अब तक के रेडियो में उत्तरोत्तर सुधार होते जा रहे हैं और इसकी उन्नति के लिए बड़े-बड़े वैज्ञानिक प्रयत्नशील हैं। | रेडियो का सबसे पहला ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन इंग्लैंड में बनाया गया था। अब तो धीरे-धीरे अनेक देशों में कई ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन खुल चुके हैं। रेडियो से अनेक लाभ हैं। सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि दूर-से-दूर स्थित स्थानों के समाचार हमें तत्काल सुनने को मिल जाते हैं। जब रेडियो नहीं था तब इस कार्य में बहुत लंबा समय लगता था। अब तो न्यूयॉर्क के भाषण को रेडियो की सहायता से हम वैसे ही सुन सकते हैं जैसे न्यूयॉर्क में बैठा हुआ व्यक्ति सुनता है।

इसके अतिरिक्त रेडियो मनोरंजन का एक श्रेष्ठ और सस्ता साधन है। अच्छे-से- अच्छे गायक का गीत हम घर बैठे सुन सकते हैं। इसके पहले लोग ग्रामोफोन से मन बहलाते थे। मनोरंजन के अतिरिक्त इससे एक बड़ा लाभ यह भी हुआ है कि इसके आविष्कार से समुद्री यात्रा बहुत कुछ भय-रहित हो गई है। समुद्री जहाजों में रेडियो लगे रहते हैं। ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से इन जहाजों को खतरे की सूचना दे दी जाती है। इस प्रकार वे सावधान हो जाते हैं और आनेवाले संकट से बच जाते हैं। रेडियो के अभाव में इन जहाजों को न जाने कितने प्राणों और माल की आहुति देनी पड़ती थी। | इसके अतिरिक्त रेडियो से शिक्षा के प्रचार में बहुत मदद मिल सकती है। यदि जगह-जगह रेडियो लगवा दिए जाएँ और किसी ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन से किसी वैज्ञानिक द्वारा व्याख्यान दिलवाया जाए तो उसे सुनकर लोग उससे काफी लाभ उठा सकते हैं। इसी प्रकार नई-नई बातें भी बताई जा सकती हैं और जनता में जागृति उत्पन्न की जा सकती।

रेडियो प्रचार का भी एक अच्छा साधन है। रेडियो द्वारा हम अपनी बातों को कम-से-कम समय में दूर-से-दूर स्थानों तक पहुँचा सकते हैं। व्यापारियों के लिए तो यह बड़े काम की चीज है। बाजार भाव तथा नई-नई वस्तुओं की जानकारी इसके माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार उन्हें व्यापार में सुविधा मिल सकती है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपने उत्पादों के विज्ञापन भेज सकती हैं। और अपने व्यापार का विस्तार कर सकती हैं।

किसी विचार के विरोध या पक्ष में प्रचार करने के लिए रेडियो सर्वोत्तम साधन है। समाचार-पत्रों और पुस्तकों में लिखी हुई बातों को केवल पढ़े-लिखे ही जान सकते हैं, परंतु रेडियो द्वारा अनपढ़ों तक भी संदेश भेजा जा सकता है। रेडियो द्वारा ग्राम-सुधार के कार्य बड़ी सुगमतापूर्वक किए जा सकते हैं। भारत में असाक्षरों की संख्या बहुत अधिक है। समाचार-पत्र और पुस्तकें उनके लिए व्यर्थ हैं। वे दुनिया की दौड़ में बहुत पीछे हैं। उन्हें अशिक्षा के इस गड्ढे से निकालने का काम रेडियो द्वारा सुगमता से किया जा सकता है। यदि ग्राम-सुधार का एक ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन अलग से बनवा दिया जाए और उससे देहात के जीवन से संबंधित बातें उन लोगों तक पहुँचाई जाएँ तो बहुत लाभ हो सकता है। उनकी सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों और रूढ़ियों को दूर करने में जितनी सहायता रेडियो से मिल सकती है उतनी शायद ही किसी अन्य माध्यम से मिल सके। कृषि से संबंधित नवीन बातें बताकर किसानों की आर्थिक दशा में भी सुधार किया जा सकता है। रेडियो के द्वारा किसानों को नए-नए खाद, उन्नत किस्म के बीज तथा कृषि यंत्रों के बारे में तथा मौसम संबंधी जानकारी देकर उपयोगी सहायता की जा सकती है।

दूरदर्शन के आने के बाद भी गाँवों में इसकी लोकप्रियता पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। शहरों से अधिक गाँवों में इसका प्रचार बड़ी शीघ्रता से बढ़ रहा है। | जब से ‘एफ.एम.’ (Frequency Module) और ‘ज्ञानवाणी’ चैनल शुरू हो गए हैं तब से रेडियो की महत्ता और उपयोगिता और बढ़ गई है। इस कारण रेडियो की माँग काफी बढ़ गई है।

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Written by

Romi Sharma

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