हेलो दोस्तों आज से में एक नयी केटेगरी ऐड करने जा रहा हु जिसमे आपको बहुत सारे Hindi letters यानि Patra Lekhan कैसे लिखते है उसके बारे में बाटूंगा। ये केटेगरी उन सभी के लिए बहुत उपयोगी होगी जो बच्चे अभी स्कूल में पढ़ते है क्योकि स्कूल में इस तरह की चीज़े उनसे जरूर पूछी जाती है और उनको गूगल पर ढूंढ़ना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए मै आप सभी के लिए बहुत सारे Hindi Formal Letter Format लेकर आ रहा हु जो आपको अच्छे से सीखा देंगे की हमें हिंदी में पत्र कैसे लिखने चाहिए क्योकि आजकल सभी को इंग्लिश में लेटर लिखना तो आ जाता है लेकिन हिंदी में लैटर लिखना बहुत मुश्किल लगता है उसके पीछे ये कारण है की इंग्लिश हर जगह लिखी और बोली जाती है लेकिन हिंदी बोलचाल धीरे धीरे ख़तम हो रहा शयद इसलिए भी इस तरह के आर्टिकल लिखने की कोशिश कर रहा हु।आप हमारे द्वारा दिए गए informal Letter in Hindi Format and Informal Letter Writing in Hindi आपके लिए जरुरी हो सकता है।
पत्र या लैटर 2 तरह के होते है formal (औपचारिक) और informal (अनौपचारिक) अब बात अति है की ये formal और informal letter क्या होते है।
Formal Hindi Letter : ये वो लैटर या पत्र होते है जो किसी मकसद के लिए लिखे जाते है और ऑफिस या business के लिए लिखे जाते है
inFormal Hindi Letter : ये लैटर या पत्र अपने दोस्तों या अपने परिवार वालो को लिखे जाते है इनमे एक भाव छुपा होता है
Check out List of Formal Hindi Letter For School
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अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या को अवकाश के लिए पत्र लिखिए।
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अपने प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
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प्रधानाचार्या जी को खेल का सामान उपलब्ध कराने हेतु एक प्रार्थनापत्र
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चरित्र प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखिए।
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ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय देने हेतु अपनी प्रधानाचार्या को आवेदन पत्र लिखिए।
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अपने उपप्रधानाचार्य को कक्षा की कठिनाइयों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
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अपने कक्षा अध्यापक के प्रति किए गए दुर्व्यवहार पर क्षमा याचना करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या को पत्र लिखिए।
अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या को अवकाश के लिए पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्या जी,
रॉयन इंटरनेशनल स्कूल
मयूर विहार,
दिल्ली
विषय : अवकाश प्राप्ति हेतु आवेदन पत्र।
सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा 9सी’ का छात्र हैं। कल विद्यालय से वापस लौटते समय मेरी साइकिल बस से टकरा जाने के कारण मैंने सिर तथा हाथपैर में चोट लग गई है, इसलिए मैं विद्यालय आने में असमर्थ हैं।
वैसे तो मैं हर दिन साइकिल द्वारा ही स्कूल आता जाता हूँ, लेकिन कल अचानक एक गाय मेरे सामने आ गई और उससे बचने के कारण ही मेरा। संतुलन बिगड़ गया और मेरी साइकिल गिर पड़ी और मेरे चोट लग गई। डॉक्टर के पास जाकर मैंने पट्टी तो करवा ली है, लेकिन मेरा घाव गहरा है इसलिए डॉक्टर ने दो-तीन दिन आराम करने के लिए कहा है इसीलिए कृपया करके मुझे 4 दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। धन्यवाद सहित
आपका आज्ञाकारी शिष्य
उत्सव
कक्षा-9वीं ‘सी’
दिनांक 10 नवम्बर2018
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अपने प्रधानाचार्य को छात्रवृत्ति हेतु आवेदन पत्र लिखिए।
सवा ,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
डी.ए.वी. स्कूल
दयानन्द विहार,
विषय : छात्रवृत्ति हेतु प्रार्थना पत्र।
माननीय महोदय
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि में कक्षा दसवीं ‘ए’ का छात्र हैं। मैं हर वर्ष अच्छे अंक लेकर पास होता हूँ। पढ़ाई के साथसाथ मैं चित्रकलासंगीत तथा खेलकूद आदि प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेता रहता हूँ और मैंने अनेक पुरस्कार भी जीते हैं। मैं क्रिकेट का एक बहुत अच्छा खिलाड़ी हैं। मैंने कक्षा ‘नौ’ में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। मेरी सभी अध्यापिकाएँ भी मुझसे काफी प्रसन्न हैं क्योंकि मैं एक सुशील तथा आज्ञाकारी छात्र हूं। में समय पर हर दिन स्कूल आता हूं इसलिए अध्यापिकाएँ मुझसे स्नेह करती हैं। मेरा आपसे निवेदन है कि मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मेरे पिता जी एक बैंक में क्लर्क है और हमारे घर में छह सदस्य हैं उन्हीं की तनख्वाह में सभी का खर्च चलता है इसलिए मेरे पिताजी मेरे विद्यालय का खर्च उठाने में असमर्थ हैं।
मुझे बड़े खेद से कहना पड़ रहा है कि मेरे पिताजी के पास अगले महीने की फीस देने के पैसे भी नहीं हैं। यदि आप कृपा कर मुझे छात्रवृत्ति दिला सकें तो मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सऊंगा। मेरे मातापिता को मुझसे बहुत आशाएँ हैं। यदि आगे न पढ़ सका तो मेरा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। आप ही मेरा भविष्य अंधेरे से निकालकर उजाले की ओर ले जा सकते हैं। मैं इसके लिए आपका सदा आभारी रहूंगा।
धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रतन जैन
कक्षा 10 ‘ए’
दिनांक 2 दिसम्बर, 2018
प्रधानाचार्या जी को खेल का सामान उपलब्ध कराने हेतु एक प्रार्थनापत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमति प्रधानाचार्या जी
बाल मन्दिर स्कूल
दिल्ली।
विषय : खेल का सामान पैंगवाने हेतु प्रार्थना पत्र
महोदया,
मैं कक्षा आठवीं ‘बी’ का छात्र हैं। मैं आपका ध्यान अपने विद्यालय में हो रही खेल के सामनों की कमी की ओर दिलाना चाहता हूं। हम सभी विद्यार्थी खेलों में रूचि होते हुए भी सामान की कमी के कारण खेल नहीं पाते हैं। फुटबॉल के ब्लैडर फटे पड़े है वही बास्केटबॉल की नेट भी टूट गई है। क्रिकेट खेलने के लिए भी उचित सामग्री नहीं है तथा मैदान भी गन्दा रहता है। कुल मिलाकर खेलों के मामले में हमारे विद्यालय की स्थिति बहुत निराशाजनक है। हमारा विद्यालय एक ओर तो वार्षिक परीक्षा के अच्छे परिणाम देता रहा है, वहीं दूसरी ओर खेलों के मामले में हमारा विद्यालय पिछड़ रहा है। खेलों की उचित व्यवस्था से भी स्कूल की उन्नति में चार चाँद लग जाते है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि हमारे खेल शिक्षक से परामर्श करके आप आवश्यक सामग्री मंगवाएँ। इससे हम बच्चों का सर्वागीण विकास होगा। धन्यवाद सहित,
आपका शिष्य,
निमित जैन
कक्षा-8 ‘बी’
दिनांक 10 मार्च 2018
चरित्र प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीयुत प्रधानाचार्य जी,
राजकीय बाल माध्यमिक विद्यालय
सुशांत विहार,
विषय : चरित्रप्रमाण हेतु प्रार्थना पत्र
महोदय
मैं आपके विद्यालय की कक्षा 9वीं. ‘सी’ की छात्रा हूं। मेरे पिताजी का तबादला लखनऊ हो जाने के कारण अब मुझे यह विद्यालय छोड़कर लखनऊ में दाखिला लेना होगा। मैं प्रारंभ से ही इसी विद्यालय में पढ़ रहा हूं। मेरा परिणाम हर वर्ष ही अच्छा आता है।
मैं पढ़ने के साथसाथ स्कूल में होने वाली अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेती हूं। मैं खेलकूद में भी सक्रिय रही हूँ। महोदयमैंने लखनऊ के स्कूल में प्रवेश पाने के लिए आवेदन पत्र भरा है, जिसके लिए चरित्र प्रमाणपत्र भी आवश्यक है। इसलिए मेरी आपसे सविनय प्रार्थना है कि आप मुझे चरित्र प्रमाणपत्र देकर कृतार्थ करें। आपकी अंति कृपा होगी। धन्यवाद सहित,
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या,
नेहा शरद
कक्षा-9 ‘सी’
दिनांक 15 मार्च20xx
ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय देने हेतु अपनी प्रधानाचार्या को आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा ,
प्रधानाचार्या जी,
सर्वोदय विद्यालय
लक्ष्मी नगर
विषय : विज्ञान विषय देने के लिए प्रार्थना पत्र।
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूं। मैंने बोर्ड की परीक्षाएँ दी हैं। मेरे मातापिता चाहते हैं कि मैं डॉक्टर बनकर देश की सवा करू । मैं भी विज्ञान विषय लेना चाहती हूं। विज्ञान में मेरे सदा ही अच्छे अंक आते हैं। इस कारण मेरी विज्ञान अध्यापिका भी यही चाहती है कि मैं विज्ञान ही हूं। विद्यालय में होने वाली ‘पूर्व परीक्षा’ में भी मैंने 89 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं तथा विज्ञान में तो मुझे 95 प्रतिशत अंक मिले हैं।
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मुझे ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान विषय लेने की अनुमति प्रदान करेंजिससे मैं अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर पाऊँ तथा अपने मातापिता की आशाओं पर खरी उतर सकें। आपकी इस कृपा के लिए मैं हमेशा कृतार्थ रहूँगी। धन्यवाद,
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या,
नंदिता दत्ता,
कक्षा-10 ‘डी’
25 मार्च20xx
अपने उपप्रधानाचार्य को कक्षा की कठिनाइयों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीयुत उपप्रधानाचार्य जी,
सर्वोदय विद्यालय
तिलक नगर, दिल्ली
मान्यवर
सविनय निवेदन यह है कि मैं कक्षा सातवीं ‘अ’ का छात्र हैं। मैं अपनी कक्षा का मॉनीटर होने के नाते आपका ध्यान अपनी कक्षा के कमरे की दयनीय दशा की ओर दिलाना चाहता हूँ। सर्वप्रथम तो हमारी कक्षा का श्यामपट एकदम बेकार हो चुका है, उस प्रकार लिखा हुआ ठीक से पढ़ा भी नहीं जाता। दूसरी ओर हमारी कक्षा के पंखोंट्यूबों आदि की हालत भी ठीक नहीं है। पंखे बहुत धीमी गति से चलते हैं। कभीकभी तो पंखे चलते ही नहीं हैं। बल्ब भी कई दिनों से फ्यूज पड़े हुए हैं। हमारी कक्षा का फर्नीचर भी काफी पुराना हो चुका है। कई कुर्सियों के हत्थे टूटे पड़े। हैं तथा कई में इधरउधर से कीलें निकल रही हैं। पिछले सप्ताह तो एक लड़के की पैंट भी उस कील में फंसकर फट गई थी और उसे खून भी निकल आया था। हमारी वार्षिक परीक्षाएँ एकदम निकट हैं, जिस कारण इनमें सुधार होना बहुत आवश्यक है।
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि हमारी कक्षा की इन कठिनाईयों को शीघ्रातिशीघ्र दूर करवाने का कष्ट करें ताकि सभी छात्र पढ़ाई में मन लगा सकें। आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
नितिन मित्तल
कक्षा सातवीं ‘अ’
दिनांक 15 फरवरी20xx
अपने कक्षा अध्यापक के प्रति किए गए दुर्व्यवहार पर क्षमा याचना करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या को पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमति प्रधानाचार्या जी,
रॉयन इंटरनेशनल स्कूल
दिल्ली।
विषय : कक्षा अध्यापक के प्रति किए गए दुव्र्यवहार पर क्षमा याचना पत्र।
मैंने अपनी कक्षा अध्यापिका श्रीमति नीलम मेहरा जी के प्रति जो अभद्र व्यवहार किया है, उसके लिए मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ तथा हृदय से क्षमा याचना करता हूँ।
द होसरे घंटे में हमारे इतिहास को कक्षा चल रही थी, तो कुछ शरारती बच्चे बाते र रहे थे तथा जोर जोर से हंस रहे थे। अध्यापिका महदेवा जो को लगा कि मैं भी उनके साथ शरारतों में शामिल हैं, जबकि मैं तो ध्यानपूर्वके उनको बातें सुन रहा था। मैं कक्षा में शैतानियाँ करने के ए में बिल्कुल भी नहीं हैं। जब मैंने अध्यापिका जी से कहा कि मैं चुपचाप ब यथा, तब भी वे मुझे डटने और अपनी गलती न होने के कारण लगा
मैं भी अपना आपा खो बैठा और अध्यापिका जी को जोर से जवाब दे दिया। में आकर उन्होंने मुझे कक्षा से बाहर खड़ा कर दिया और मेरी लिखित जित आपके पास भेज दो।
अब मैं अपने अरेष्ट व्यवहार पर बहुत लज्जित हैं। वे मेरी शिक्षिका है और मुद्दे उनका पूरे देित से सम्मान करना चाहिए था। मुझसे वास्तव में बहुत बड़ी गलती हुई है और अपनी गलती के लिए मैं क्षमा याचना करता हूँ। महोदया, मैं आपको पूरा विश्वास दिलाता हूँ केि भविष्य में कभी भी ऐसी तो नहीं करूंगा और न हो शिकायत का मौका ढूंगा। मुझे पूरी आशा है के आप मुझे अवश्य हो क्षमा कर देंगी। ‘
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
ऋतू
कक्षा सातवीं ‘अ’
दिनांक 15 फरवरी 2018
Check out List of Formal Hindi Letter For Normal Life
- नौकरी हेतु आवेदनपत्र
- बस में छूटे का लिए दिल्ली परिवहन निगम के मुख्य सामान पता लगाने के प्रबंधक को एक पत्र लिखिए।
- डाक की अनियमितता के सम्बन्ध में डाकपाल पोस्ट मास्टर) को शिकायती पत्र लिखिए।
- आपके मोहल्ले में वर्षा के कारण जल भर जाता है। इस समस्या का ध्यान नगरपालिका अधिकारी की ओर आकृष्ट करने के लिए पत्र लिखिए।
- आपका टेलीफोन एक महीने से खराब पड़ा है जिसके बारे में आपने अनेक बार शिकायत की है, लेकिन परिणाम ज्यों का त्यों है। इसकी शिकायत करते हुए किसी प्रसिद्ध समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
नौकरी हेतु आवेदनपत्र
रमन कुमार जैन
19/36 पटपड गंज,
दिल्ली,
दिनांक 2 नवम्बर, 2018
अमि
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
डी.ए.वी. स्कूल
मयूर विहार,
दिल्ली।
महोदय,
आपके विद्यालय द्वारा ‘नवभारत टाइम्स’ में प्रकाशित विज्ञापन के प्रत्युत्तर में हिन्दी अध्यापक के पद हेतु मैं अपना आवेदन पत्र भेज रहा हूं। मेरा व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है।
नाम: रमन कुमार जैन
पिता का नाम : धीरज कुमार जैन
उम्र 19 जनवरी1975
शैक्षणिक योग्यता :
1. मैंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से दसवीं की परीक्षा। 1990 में 75% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।
2. मैंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा 1992 में ‘78% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की। है।
3. दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. की परीक्षा 1995 में 80% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।
4. मैंने रोहतक विश्वविद्यालय से बी.एड की परीक्षा 1997 में 72% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।
मेरे पास तीन वर्षों तक ‘बाल मंदिर पब्लिक स्कूल में अध्यापक पद पर रहने का अनुभव भी है। किन्हीं कारणों से मैं वह नौकरी छोड़ना चाहता मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि आपकी चयन समिति ने मुझे यह अवसर प्रदान किया तो मैं आपकी उम्मीदों पर अवश्य खरा उतहँगा और पूरी निष्ठा से कार्य करेंगा।
धन्यवाद
भवदीय
रमन कुमार जैन
19/30 पटपड गंज
दिल्ली
दिनांक, 2 नवम्बर, 2018
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बस में छूटे का लिए दिल्ली परिवहन निगम के मुख्य सामान पता लगाने के प्रबंधक को एक पत्र लिखिए।
हरिओम माथुर,
बी 130/2, गाँधी नगर
दिल्ली।
दिनांक 10 अगस्त, 20xx
सेवा में,
मुख्य प्रबन्धक
दिल्ली परिवहन निगम
दिल्ली।
माननीय महोदय,
मैंने कल शाम झाँसी से दिल्ली आने वाली 7 बजे वाली बस पकड़ी थी। मुझे कमला नगर उतरना था। बस खराब हो जाने के कारण अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटे देर से पहुँची। जल्दबाजी में मैं अपना एक सूटकेस बस में ही छोड़कर घर पहुँचकर जब मुझे याद आया तो मैं बस अड्डे उतर गया।
भी गया था, लेकिन उस बैग का कोई पता न चला। कृपया आप उसे ढूंढ निकालने का प्रयास कीजिए। उसने मेरे कुछ जरूरी कागजात भी थे। मैं आपका सदा ही आभारी रहूंगा। यदि मेरी अटैची मिल जाए तो कृपा करके उसको उपर्युक्त पते पर भिजावने का कष्ट करें।
भवदीय
हरिओम माथुर।
डाक की अनियमितता के सम्बन्ध में डाकपाल पोस्ट मास्टर) को शिकायती पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान डाकपाल महोदय
लक्ष्मी नगर डाकघर,
दिल्ली-92
दिनांक 3 जुलाई, 20xx
बिषय : डाक की अनुचित व्यवस्था के कारण शिकायत
मान्यवर
इस पत्र द्वारा मैं आपका ध्यान इस क्षेत्र में डाकवितरण की अनियमितता एवं अव्यवस्था की ओर दिलाना चाहता हूँ। गत मास से इस क्षेत्र में एक नया पत्रवाहक डाक वितरण हेतु नियुक्त किया गया है। उसकी कार्यप्रणाली अनुचित होने के कारण यहाँ के निवासियों को नियमित रूप से डाक नहीं मिल पा रही है। मेरे कई पत्र दूसरों के यहाँ मिले हैं तथा मेरे यहाँ दूसरों के पत्र आ जाते हैं, जबकि उन सभी पर घर का पता सही तथा साफ-साफ लिखा हुआ है। मैं तो कई बार उस डाकिये से व्यक्तिगत रूप से बात भी कर चुका हूं, लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ है। वह डाकिया इतना लापरवाह है कि अनेक बार वह पत्रों को आंगन में या फिर बाहर गली में खेल रहे बच्चों को ही दे जाता है जबकि मेरे घर में ‘पत्रपेटीलगी हुई है।
परिणामतः कभीकभी तो पत्र मिलते ही नहीं या फिर काफी दिनों बाद मिलते हैं, जिसके कारण हमें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः मैं बहुत विवश होकर आपकी सेवा में यह पत्र भेज रहा हूँ। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप इस क्षेत्र के पत्रवाहक को या तो बदलने की कृपा करें या फिर उसी पत्रवाहक को अपने कार्य के प्रति सचेत रहने के लिए आवश्यक कार्यवाही करेंताकि इस क्षेत्र के सभी नगरवासियों को कोई परेशानी न हो।
भवदीय
राघव जैन।
आपके मोहल्ले में वर्षा के कारण जल भर जाता है। इस समस्या का ध्यान नगरपालिका अधिकारी की ओर आकृष्ट करने के लिए पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीयुत प्रशासनिक अधिकारी
दिल्ली नगरपालिका,
नई दिल्ली
दिनांक 5 जुलाई, 20xx
विषय : जल भराव की समस्या के समाधान हेतु पत्र
महोदय
सविनय निवेदन यह है कि मैं शकरपुरलक्ष्मीनगर का रहने वाला हूं। पिछले कई दिनों से यहाँ के कुछ सीवर बंद पड़े हैं। जगहजगह से सड़कों पर गड्ढे बन गए हैं, जिनमें वर्षा का पानी भर गया है और अब तो उस पानी से सड़न की बदबू आने लगी है। पिछले कई दिनों से लगातार वर्षा हो रही है और वर्षा के पानी ने स्थान-स्थान पर जलाशयों का रूप धारण कर लिया है। इस पानी में अनगिनत बीमारियों के मक्खी मच्छर पैदा हो रहे हैं। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है।
मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया इस समस्या की ओर ध्यान देते हुए रुके पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध करवाएं। बंद सीवरों को खुलवाने तथा गड्ढों को भरवाने का प्रबंध करेंजिससे इनमें पानी इकट्ठा न हो सके तथा मच्छरमक्खी भी न फैलें। इसके लिए हम सदैव आपके आभारी रहेंगे।
प्रार्थी,
उत्सव आहूजा,
शकरपुर,
लक्ष्मी नगर, दिल्ली
आपका टेलीफोन एक महीने से खराब पड़ा है जिसके बारे में आपने अनेक बार शिकायत की है, लेकिन परिणाम ज्यों का त्यों है। इसकी शिकायत करते हुए किसी प्रसिद्ध समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में,
संपादक महोदय
हिन्दुस्तान टाइम्स
7, कस्तूरबा गाँधी मार्ग
नई दिल्ली-2
मान्यवर,
आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र द्वारा में टेलीफोन अधिकारियों का ध्यान अपने टेलीफोन की ओर दिलाना चाहता हूं। मेरे घर का टेलीफोन (22983844 ) पिछले एक महीने से खराब पड़ा है। इसकी शिकायत में क्षेत्रीय चार बार कार्यालय में जाकर कर चुका हूँ लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ है। वहाँ के अधिकारी तो ठीक से बात भी नहीं करते। मेरे पिताजी बीमार रहते हैं। तथा माता जी घर में अकेली होती हैं। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बार-बार फोन करना पड़ता है। अब फोन खराब होने से हम सबकी परेशानी बहुत बढ़ गई है। वैसे भी आजकल फोन हम सबके लिए एक आवश्यकता बन चुका है।
कुछ समय पूर्व संचार मंत्री ने यह घोषणा की थी कि टेलीफोन खराब होने की शिकायत मिलने पर उसे 24 घंटे के भीतर ठीक कर दिया जाएगा। लेकिन अब तो लगता है वह घोषणा मात्र दिखावा ही है। उसे अमल में नहीं लाया गया।
मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप अपने पत्र के माध्यम से उन सोए हुए कर्मचारियों को जगाने का प्रयत्न करें तथा संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने की कृपा करेंजिससे मेरा फोन फिर से बज उठे और मैं चैन की सांस ले सकें। आपकी इस कृपा के लिए मैं सदैव आपकी आभारी रहूंगी।
सधन्यवाद,
अवटी
आनन्दी मल्होत्रा
मयूर विहार, फेस3
दिल्ली
21 अगस्त, 2018
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