हेलो दोस्तों आज फिर मै आपके लिए लाया हु Essay on Birla Mandir in Hindi पर पुरा आर्टिकल। आज हम आपके सामने बिड़ला मंदिर के बारे में कुछ जानकारी लाये है जिससे आपको बिड़ला मंदिर के बारे में बहुत सी बातो के बारे में पता चलेगा। आइये पढ़ते है बिड़ला मंदिर पर निबंध
Essay on Birla Mandir in Hindi
प्रस्तावना :
प्रसिद्ध उद्योगपति सेठ घनश्याम दास बिडला में कई स्थानों पर मन्दिरों का निर्माण करवाया है जिनका नाम ‘बिडला मंदिर’ पड़ गया। दिल्ली का बिडला मन्दिर आधुनिक काल की वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। संगमरमर और लाल पत्थरों से बने हुए बिडला मन्दिर की अट्टालिकाओं को दूर से देखने पर तो काशी के प्राचीन मन्दिरों का स्मरण हो जाता है।
स्थितिगत परिचय :
बिडला मन्दिर नई दिल्ली के शुद्ध तथा शान्त वातावरण में स्थित है। प्रतिवर्ष हजारों भक्त इसे देखने दूर-दूर से यहाँ आते हैं। त्योहारों के दिनों में दर्शकों की संख्या अनगिनत हो जाती हैं, पूरी सड़क तांगों, रिक्शों तथा गाड़ियों आदि से खचाखच भरी होती हैं। इसी मन्दिर की प्रसिद्धि के कारण बिडला मन्दिर के सामने की सड़क ‘मन्दिर मार्ग’ के नाम द्वारा जाती है। यह मन्दिर सन् 1938 में बनकर तैयार हुआ था। मन्दिर की वास्तविक शोभा: इस मन्दिर की वास्तविक शोभा दीपावली तथा जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर सबसे अधिक होती है। इस मन्दिर में अनेक मन्दिर स्थित हैं। मुख्य मन्दिर लक्ष्मीनारायण भगवान का है। इसीलिए बिडला मन्दिर को लक्ष्मीनारायण’ मन्दिर भी कहते हैं। इसके बाईं ओर दुर्गा माँ का और दायीं ओर शिवजी का मन्दिर है। इसकी सीढ़ियाँ संगमरमर से निर्मित हैं। यहाँ से चढ़कर जब दर्शनार्थी मन्दिर में आते हैं तो ऐसा मालूम होता है जैसे साक्षात् स्वर्गलोग के दर्शन हो गए हों। दीवारों पर सुन्दर चित्र तथा श्लोक चित्रित हैं। बाईं ओर घूमकर दर्शक एक सुन्दर बगीचे में पहुंचते हैं जहाँ दोनों ओर सुन्दर फव्वारे लगे हए हैं। वहीं पर अन्दर महात्मा बुद्ध की एक बड़ी सुन्दर-सी मूर्ति है। मन्दिर के दाईं ओर गीता भवन बना हुआ है, जिसमें श्रीकृष्ण भगवान की विशाल मूर्ति है।
मन्दिर की वाटिका :
मन्दिर में स्थान-स्थान पर छोटे-छोटे बगीचे हैं। संगमरमर के बने हुए बड़े-बड़े हाथी-घोड़े भी हैं। इन्हें देखकर बच्चे बहुत खुश होते हैं। बच्चों के लिए झूले भी हैं, मन्दिर के बीच में एक छोटी-सी पहाड़ी भी है, जिसमें लम्बी-लम्बी सुरंगें तथा गुफाएँ हैं। वाटिका के बाई ओर एक जलपान गृह है तथा दाईं ओर एक व्यायामशाला है। यहाँ एक ओर सुन्दर-सा रथ रखा हुआ है, जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं। मन्दिर का पूरा वातावरण ही ईश्वरमय तथा आनन्दमय प्रतीत होता है।
निष्कर्ष :
आधुनिक वास्तुकला का प्रतीक बिडला मन्दिर अद्वितीय तथा अनुपम है। यह देश के सबसे लोकप्रिय तथा खूबसूरत मन्दिरों में से एक है, हमें इसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
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