नमस्कार, दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों आज मैं आपसे बात करुंगा अशोक चक्र की जी हां आप सही समझ रहे हैं मैं बात कर रहा हूं samrat ashok की। Samrat Ashok को भारतीय इतिहास में बेहतर प्रशासन और बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है। तो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे samrat Ashok History सिर्फ Hindi में . क्या आप जानते हैं दोस्तों कि Ashok Samrat अपने पूरे जीवन काल मे एक भी युद्ध में हारे नही।
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Ashok Samrat History/ जन्म की जानकारी
अशोक का नाम संसार के महानतम व्यक्तियों में गिना जाता है। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि अशोक का पूरा नाम “अशोक वर्धन मौर्या” था। अशोक का अर्थ है – बिना शोक का यानि जिसे कोई दुःख न हो कोई पीड़ा न हो । ईरान से लेकर बर्मा तक अशोक का साम्राज्य था ashok samrat का जन्म 304 BC Pataliputra, Patna में हुवा था।
अंत में कलिंग के युद्ध ने अशोक को धर्म की ओर मोड़ दिया। अशोक ने जहां-जहां भी अपना साम्राज्य स्थापित किया, वहां-वहां अशोक स्तंभ बनवाए। अशोक ने अपने शासनकाल में अनेक स्तंभ बनवाये थे उसमें से आज लगभग 19 ही प्राप्त हो सकें हैं। उनके हजारों स्तंभों को मध्यकाल के मुस्लिमों ने demolish/खत्म कर दिया। इनमें से हमारी संस्कृति की धरोहर अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में शामिल किया गया। Ashok स्तंभ में जो चार शेर है वो Strength, Bravery, Pride और Self Confidence के प्रतीक हैं। अशोक स्तंभ के ही निचले भाग में बना अशोक चक्र आज राष्ट्रीय ध्वज की शान बढ़ा रहा है।
king ashoka family tree/ samrat ashoka की परिवार की पूरी जानकारी
Ashok Samrat के पिता Bindusara की कहानी in hindi
सम्राट अशोक बिंदुसार के पुत्र थे , बौद्ध ग्रन्थ दीपवंश में बिन्दुसार की 16 पत्नियों एवं 101 पुत्रों का जिक्र है। अशोक की माता का नाम शुभदाग्री था। बिंदुसार ने अपने सभी पुत्रों को बेहतरीन शिक्षा देने की व्यवस्था की थी। लेकिन उन सब में अशोक सबसे श्रेष्ठ और बुद्धिमान थे । Administrative study के लिये बिंदुसार ने अशोक को उज्जैन का सुबेदार appoint किया था। अशोक बचपन से अत्यन्त मेघावी था। अशोक की गणना विश्व के महानतम् शासकों में की जाती है।
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सुशीम बिंदुसार का सबसे बड़ा पुत्र था लेकिन बिंदुसार के शासनकाल में ही तक्षशीला में हुए विद्रोह को दबाने में वह अक्षम रहा। बिंदुसार ने अशोक को तक्षशीला भेजा। अशोक वहाँ शांति स्थापित करने में सफल रहा। अशोक अपने पिता के शासनकाल में ही administrative work में सफल हो गया था। जब 273 BC में बिंदुसार बीमार हुआ तब अशोक उज्जैन का सुबेदार था। पिता की बिमारी की खब़र सुनते ही वह पाटलीपुत्र के लिये रवाना हुआ लेकिन रास्ते में ही अशोक को पिता बिंदुसार के मृत्यु की ख़बर मिली। पाटलीपुत्र पहुँचकर उसे उन लोगों का सामना करना पड़ा जो उसे पसंद नही करते थे। युवराज न होने के कारण अशोक उत्तराधिकार (Succession) से भी बहुत दूर था।
Ashok Samrat की कुछ quality /विशेषताए
लेकिन अशोक की योग्यता इस बात का संकेत करती थी कि अशोक ही बेहतर उत्तराधिकारी था। बहुत से लोग अशोक के पक्ष में भी थे। अतः उनकी मदद से और चार साल के कड़े संघर्ष के बाद 269 BC में अशोक का औपचारिक रूप से राज्यभिषेक हुआ। अशोक की योग्यता का ही परिणाम था कि उसने 40 वर्षों तक कुशलता से शासन किया, यही वजह है कि सदियों बाद आज भी लोग अशोक को एक अच्छे शासक के रूप में याद करते हैं।
दोस्तों क्या आपको ये पता है कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक का शासन 40 वर्ष का था, जबकि उसके पिता का शासन 25 वर्ष का और मौर्य वंश के पहले सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल 24 वर्ष का था।
इतिहासकारों के अनुसार, ashok samrat चन्द्रगुप्त के समान Strong, समुद्रगुप्त के समान gifted तथा अकबर के समान Unbiased था। चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा भारत को एक Political formula में बाँधने के प्रयत्न को अशोक ने पूर्ण किया था। निःसंदेह अशोक एक महान शासक था। उसके आदर्श विश्व की महत्वपूर्ण पूंजी है।
सम्राट अशोक के राज्य की कहानी Samrat Ashok’s Kingdom Details
अपने साम्राज्य की सीमाओं की सुरक्षा तथा दक्षिण भारत से व्यापार की इच्छा हेतु अशोक ने 261 BC में कलिंग पर आक्रमण किया। युद्ध बहुत भीषण हुआ। इस युद्ध में अशोक को विजय हासिल हुई। विजयी होने के बावजूद अशोक इस जीत से खुश नही हुआ क्योंकि इस युद्ध में नरसंहार का ऐसा तांडव हुआ जिसे देखकर अशोक का मन भर गया। कलिंग के युद्ध में 1 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी और 150,000 से ज्यादा लोग घायल हुवे | जब अशोक युद्ध के बाद कलिंग के मैदान में अपनी विजय का जश्न मनाने के लिए घूम रहा था तब उसे कई लाशो के उपर से गुजरना पड़ा और उनके पास उनके परिजन विलाप करते हुए दिखे। इसे देखने के बाद सम्राट अशोक के व्यवहार में अद्भुत परिवर्तन हुआ और कलिंग युद्ध उसका अंतिम सैन्य अभियान था।
उनका हृदय मानवता के प्रति दया और करुणा से भर गया। उन्होंने युद्धक्रियाओं को सदा के लिए बन्द कर देने की प्रतिज्ञा की। यहाँ से आध्यात्मिक और धर्म विजय का युग शुरू हुआ।
अशोक ने अपने शासन काल में बंदियों की स्थिति में भी सुधार किये। उसने वर्ष में एक बार कैदियों को मुक्त करने की प्रथा का प्रारंभ किया था। अशोक ने राज्य का स्थाई रूप से दौरा करने के लिये व्युष्ट नामक अधिकारी नियुक्त किये थे।अशोक के शासन काल में ही कई प्रमुख विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी, जिसमे तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय प्रमुख हैं। कलिंग विजय के बाद अशोक का साम्राज्य बंगाल की खाड़ी तक फैल /expand हो गया था। नेपाल तथा कश्मीर भी मगध राज्य में थे। उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान व बलूचिस्तान भी अशोक के साम्राज्य का हिस्सा था।
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Ashok Samrat की मौत कब हुई / Death Of Samrat Ashok
अशोक ने लगभग 40 वर्षों तक शासन किया जिसके बाद लगभग 234 ईसापूर्व में उसकी मृत्यु हुई और तथ्य बताते है कि उसकी मौत के बाद उसकी चिता सात दिन तक जलती रही। उसके कई संतान तथा पत्नियां थीं पर उनके बारे में अधिक पता नहीं है। उसके पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा ने बौद्ध धर्म के प्रचार में योगदान दिया। अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य राजवंश लगभग 50 वर्षों तक चला।
सम्राट अशोक के बारे में कुछ रोचक/ मजेदार जानकारी / Interesting Facts about Samrat Ashoka in Hindi
1. सम्राट बिन्दुसार अपने बेटे सम्राट अशोक को कम पसंद करते थे क्योकि वो देखने में सूंदर नहीं थे।
2. राजा बिंदुसारा की 16 पत्नियां थीं और 4 नहीं।
3. भारतीयों ने सम्राट अशोक को भुला रखा है जबकि वो अंग्रेजो से पहले के बहुत शक्तिशाली राजा थे ।
4. सब से पहले सम्राट अशोक की जानकारी बौद्ध के 3 स्रोत अशोकवादन, दीपावस और महावमसा से मिली है।
5. अशोक ने अपने बड़े भाई और वैध उत्तराधिकारी को जीवित कोयले के साथ एक गड्ढे में घुसा कर मार दिया और राजा बन गया।
6. अशोक ने अपने परिवार के सरे पुरुषो को मार दिया।
7. अशोक ने अपने 99 भाइयों को मार डाला और केवल अपने एक भाई Tissa को छोड़ था ।
8. सम्राट अशोक ने अपने राज्ये के 500 मिनिस्टर / नेताओं को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योकि उसे वो वफादार नहीं लगते थे।
9. Samrat Ashok ने 100 से ज्यादा औरतो को सिर्फ इसलिए जिन्दा जला दिया क्योकि उन्होंने अशोक की बेज्जती कर दी थी।
10. Samrat Ashok बहुत घातक था उसने अपने दोषियो को सजा देने के एक कमरा बना रखा था जिसे “Hell on Earth” या अशोका का नर्क भी कहा जाता था।
10. कलिंग की लड़ाई इतनी भयानक थी कि युद्ध के बाद, युद्ध के मैदान के आगे बहने वाली “दया “नदी खून के कारण पूरी तरह से लाल हो गई।
11. सम्राट अशोक बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने से पहले, वह वास्तव में भगवान शिव के भक्त थे
12. अशोक का साम्राज्य उनकी मृत्यु से बहुत पहले समाप्त होने लग गया था
तो दोस्तों आज मैंने आपको बताया Samrat Ashok History in hindi. दोस्तो ये था सम्राट अशोक का परीर्षम से भरा जीवन। उम्मीद करता हूं कि आपको ये article पसंद आया होगा ओर आषा करता हूं कि आपको इससे आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई होगी। ऐसे और रोचक विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे article पढ़ते रहे।
Contents
- Ashok Samrat History/ जन्म की जानकारी
- king ashoka family tree/ samrat ashoka की परिवार की पूरी जानकारी
- Ashok Samrat के पिता Bindusara की कहानी in hindi
- Ashok Samrat की कुछ quality /विशेषताए
- सम्राट अशोक के राज्य की कहानी Samrat Ashok’s Kingdom Details
- Ashok Samrat की मौत कब हुई / Death Of Samrat Ashok
- सम्राट अशोक के बारे में कुछ रोचक/ मजेदार जानकारी / Interesting Facts about Samrat Ashoka in Hindi
bakchodi ki hai tumney agar nahi malum to thik se jaan lo fir bako
kya dikat h apko sir hamme batye
ye sahi jankari h kya sach batana frndsa
yes sir hamne book se hi published kiya h
ye sala bi internate se pad or movie dekh li or upload kar diya jab kisi ke baare me pata na ho to kuch nhi bolna chahiye jab samrat ashok apne 99 bhaiyo ko ek sath maara tha tab uske bhaiyo ne uska virod nhi kiya tha kya sabhi log soch kar dekhe yadi ashoka ke bhai sabhi ashoka per hammla karte to ashok zinda hi nhi rahta per historician ne kuch paiso ke liye history hi badal di me aap sabhi se puchana chahta hu ki samrat ashok ke baad unki generation ka kya hua tha batao sabhi ye baat chipa rahe hai unko pata hai yadi sachchai bahar aai to ashok ka wansaj unko jad se ukhad fekenge