हेलो दोस्तों आज हम आपको Saina Nehwal History in hindi और साइना नेहवाल के जीवन परिचय के बारे में बहुत सारी बातें बातयेंगे। साइना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। साइना को भारत सरकार ने पद्म श्री और सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार भी दिया जा चूका है। इस आर्टिकल में हम आपको उनके बचपन से जवानी तक का सफर के बारे में सारी जानकारी देंगे।आईये शुरू करते है Saina Nehwal History in Hindi या साइना नेहवाल का जीवन परिचय
साइना नेहवाल को रैंकिंग पूरी दुनिया में no 1 रह चुकी है और 2009 में पूरी दुनिया में उनकी रैंकिंग दूसरे नंबर पर थी लेकिन ऐसा मुकाम पर पहुंचने वाली वह पहली महिला थी। भारत को इस स्थान पर पहुंचाने वाली पहली महिला है वह इंडिया को 3 बार Olympics में प्रतिनिधित्व कर चुकी है।
Saina Nehwal History in Hindi – साइना नेहवाल का जीवन
साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हिसार जो की हरियाणा में एक जाट परिवार मे हुआ था इनके पिता का नाम डॉ॰ हरवीर सिंह नेहवाल और माता का नाम उषा नेहवाल है।सायना ने शुरुआती बैडमिंटन का प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम, हैदराबाद में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया। माता-पिता दोनो के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था। पिता हरवीर सिंह ने पूरा सहयोग और प्रोत्साहन किया ।
ओलिम्पिक खेलों में सायना ने बैडमिंटन का काँस्य पदक जीतकर वे देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गयी । सायना ने 2006 में एशियाई सैटलाइट प्रतियोगिता भी जीती है।
उन्होंने 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतते हुए सुपर सीरीज़ बैडमिंटन प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया, यह उपलब्धि उनसे पहले किसी अन्य भारतीय महिला को हासिल नहीं हुई थी। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने स्वर्ण मेडल हासिल किया।
वर्ष 2015 में नई दिल्ली को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन जापान की युई हाशिमोतो को 44 मिनट में 21-15,21-11 से हराने के साथ ही दुनिया की शीर्ष वरीय खिलाड़ी बनी और फाइनल मैच में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को हराकर 29 मार्च 2015 को योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट की महिला एकल ख़िताब की विजेता बनीं।
अप्रैल 2015 में आधिकारिक रूप से उनकी विश्व रैंकिंग 1 घोषित की गई। इस मुकाम तक पहुँचने वाली वे प्रथम भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
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सायना नेहवाल के पुरस्कार / Saina Nehwal Awards
1) अर्जुन पुरस्कार (2009)
2) राजीव गाँधी खेल रत्न (2009-2010)
3) पद्म श्री (2010)
4) मंगलायतन यूनिवर्सिटी द्वारा डोक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया.
पुरस्कार के साथ साथ उनको नगद राशी भी इनाम में दी गयी है
हरियाणा सरकार ने 1 करोड़
राजस्थान सरकार ने 50 लाख
आंध्रप्रदेश सरकार ने 50 लाख की नगद राशी.
बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने 10 लाख
साइना नेहवाल के खेल की शुरुवात कैसे हुई।
2006 में साइना नेहवाल अंडर 19 राष्ट्रीय चैंपियन जीतकर कर ये साबित कर दिया था वो पूरी दुनिया में अपना नाम करने वाली है। उसके बाद 2 बार एशियन सैटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतकर एक और इतिहास बना दिया।
एक साथ इतनी सारी टूर्नामेंट जितने वाली वह पहली खिलाड़ी बन गयी। उसके बाद 2006 में 4 सितारा टूर्नामेंट जिसका नाम फिलीपींस ओपन जीतकर दूसरे भारतीय महिला बन गयी। उसके बाद भी उसकी लड़ाई खत्म नहीं हुई उसने दुनिया के कई महसूर खिलाड़ियों को हारने के बाद मलेशिया की जूलिया वोंग पेई जियान को हराकर एक नया इतिहास रच दिया
आपको लग रहा होगा की साइना से सभी मैच जीते है लेकिन ऐसा नहीं है चीनी खिलाडी वांग यिहान के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़ी लेकिन उनकी हार भी हुई थी।
2006 में बीडब्ल्युएफ विश्व जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता की उपविजेता बनीं। वह नौवीं बार जापानी सायाका सातो को 21-9 21-18 हरा कर 2008 विश्व जूनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
साइना ने सफलतापूर्वक 2010 उबर कप फाइनल के क्वार्टर फाइनल में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया। साइना विजेता टिने रासमुसेन से हारने से पहले 2010 आल इंग्लैंड सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उसके बाद साइना योनेक्स सनराइज बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2010 में चीन की गैरवरीय खिलाड़ी ली झुइरुई से हारने से पहले सेमीफाइनल तक पहुंच गईं।
साइना के कोचका नाम गोपीचंद है जिन्होंने साइना को हर कदम पर अच्छी सलाह दी साइना ने मलेशिया की वोंग मिउ चू को 2010 इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड में हराकर टूर्नामेंट में अपनी जगह बना ली ।
इस बीडब्ल्युएफ ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट को जीतकर उन्होंने $ 8280 के पुरस्कार राशि जीत ली। नेहवाल सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज 2010 में फिर से नंबर 1 जगह प्राप्त
कर चीन की विश्व चैंपियन लू लान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। साइना ने सिंगापुर ओपन के फाइनल में चीनी ताइपे की क्वालीफायर ताई जू यिंग को 21-18, 21-15 से हराकर अपने कैरियर का दूसरा सुपर सीरीज खिताब जीता।
साइना ने इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतकर 15,000 डॉलर (10,59,525 रुपए ) की पुरस्कार राशि जीत ली और अपने कैरियर एक और कदम ऊपर पंहुचा दिया
साइना ने जापान की सयाका सातो को एक कठिन खेल में 21-19 / 13-21 / 21-11 से हराकर अपने इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज खिताब जीता । यह उनका तीसरा सुपर सीरीज़ खिताब और इंडियन ओपन, सिंगापुर सुपर सीरीज के बाद लगातार तीसरा खिताब था। उन्हे फिर से इस बीडब्ल्युएफ सुपर सीरीज टूर्नामेंट को जीतने के लिए $ 18,750 (13,24,406 रूपए ) की राशि मिली।
15 जुलाई 2010 को 64,791.26 अंक के साथ साइना नेहवाल केवल चीन की वांग यिहान से पीछे थी
2018
स्पेन की कैरोलीना मरीन को फाइनल में 19-21, 25-23, 21-16 से हराकर पिछली विजेता साइना ने 2015 का इंडिया ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब जीत लिया। इसके ठीक पहले आल इंगलैंड बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनते हुए साइना कैरोलिना से ही फाइनल में 21-16, 14-21, 7-21 से हार गयी थीं।
March 29, 2015 को थाइलैंड की रत्चानोक को इंडियन ओपन सुपर सीरीज़ के फाइनल में हराकर वह विश्व की सबसे ऊपर की महिला बैडमिंटन खिलाडी बन गयी
सायना नेहवाल ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में अंतिम दिन रविवार को स्वर्ण पदक अपने नाम किया। सायना ने फाइनल में हमवतन पी.वी सिंधु को मात दी। सायना ने भारत की झोली में 26वां स्वर्ण पदक जीता! सायना ऐसे में राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है
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