हेलो दोस्तों आज हम आपको Rajiv Dixit की History Hindi में बतायेंगे। राजीव दीक्षित के जीवन परिचय के बारे में बहुत सारी बातें बातयेंगे ताकि आप
एक महान वैज्ञानिक, अच्छे वक्ता और आजादी बचाओ आन्दोलन के संस्थापक के बारे में सब कुछ जान सके। राजीव दीक्षित ने अपना ज्यादातर जीवन सिर्फ और सिर्फ लोगो की सेवा में बिता दिया।
आज youtube पर राजीव दीक्षित के वीडियो की धूम मची हुई है बहुत से लोगो उनके वीडियो अपने चैनल पर डाल रखे है और बहुत लोगों ने तो चैनल ही उनके नाम पर बना रखे है। इस आर्टिकल में हम आपको उनके बचपन से जवानी तक का सफर के बारे में सारी जानकारी देंगे।आईये शुरू करते है Rajiv Dixit History in Hindi या राजीव दीक्षित का जीवन परिचय
Rajiv Dixit का शुरुवाती जीवन
राजीव दीक्षित का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर अतरौली तहसील के नाह गाँव में 30 नवम्बर 1967 को हुआ था । उनके माता पिता का नाम राधेश्याम दीक्षित एवं मिथिलेश कुमारी है।
राजीव दीक्षित ने फिरोजाबाद से इण्टरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद इलाहाबाद से B.Tech और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT कानपुर से M.Tech की डिग्री ली।
राजीव दीक्षित ने कुछ समय के लिए CSIR में काम की और फ्रांस के टेलीकम्यूनीकेशन सेण्टर में भी काम किया। था उसके बाद भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ ए पी जे अब्दुल कलाम के साथ भी काम किया। अपने शुरुवाती दिनों में वे भगतसिंह, उधमसिंह, और चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारियों से प्रभावित हुवे और सब कुछ छोड़ उन्होंने उन्ही के रास्ते पर चलने का फैसला लिया
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राजीव दीक्षित का करियर
जैसा की आप सबने पढ़ा की वो राजीव दीक्षित का एक बहुत अच्छा करियर था अगर वो चाहते तो औरो अमेरिका में जाकर खूब डॉलर कमा सकते थे लेकिन उन्होंने सब कुछ छोड़कर इंडिया में अपने देश के लिए कुछ करने का सोचा। आज तो हर कोई उनको जनता है और उनके बोले हुवे भाषण सुनता है लेकिन एक समय था जब उनको कोई नहीं जनता था और उनके भाषण भी नहीं सुनता था लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
भारत में बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनिया अपना व्यपार करती है जिनके लिए उनमे काम करने वाले भारतीय बहुत मेहनत करते है लेकिन ये सब कम्पनिया सारा पैसा अपने देश ले जाती है और यहाँ के लोगो को तनख्वा के नाम पर मामूली सी रकम देते है। इसी लिए राजीव दीक्षित जी ने सबसे पहले इन बहुराष्ट्रीय कंपनिया का बहिस्कार करना शुरू कर दिया और लोगो को कहने लगे की आप सभी स्वदेशी चीज़ो को अपनाये उन्होंने कोका कोला, पेप्सी, यूनिलीवर और कोलगेट जैसी कम्पनी के खिलाफ़ एक अच्छा सा अभियान शुरू कर दिया।
इसके आलावा राजीव दीक्षित ने स्विस बैकों में जमा भारतीय काली सम्पति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की भी बात कही और अपने साथ 495 लाख लोगों के हस्ताक्षर को भी इकठ्ठा किया था.
उसके बाद वो बाबा रामदेव से जुड़ गए और स्वाभिमान ट्रस्ट के सचिव बन गए थे उसके बाद जैसे राजीव दीक्षित की आंधी सी चल गयी और देश के हर कोने में राजीव जी के भाषण होने लगे। कई लोगो का मानना था की राजीव दीक्षित को लोग बाबा रामदेव से भी ज्यादा पसंद करने लग गए थे।
राजीव दीक्षित जी की हत्या का रहस्य
भिलाई में भारत स्वाभिमान यात्रा के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिससे 30 November 2010 को उनकी मौत हो गयी। लेकिन उनकी मौत अपने आप नहीं यह एक बहुत बड़ी साजिश के तहत हुई है जैसा की आप सभी जानते है उनके बहुत सारे दुश्मन बन गए थे और कही ना कही बाबा रामदेव भी उनकी तरक्की को देखकर थोड़ा असहज मासूस करते थे।
अगर आप भी राजिव भाई की मृत्यु का असली वीडियो ..जिसे आस्था चैनल ने नहीं दिखाया क्योकि इसमें राजीव जी का चेहरा काला दिख रहा था ..साफ़ तौर पर विष का लक्षण
ऐसे बहुत से कारण है जिनसे से साफ होता है की राजीव दीक्षित की मौत एक सोची समझी साजिश है
1 . राजीव दीक्षित जी का पोस्ट मार्टम नहीं करना
2 . रामदेव बाबाजी का मौन धारण .
3) रामदेवजी के गुरु बाबा शंकरदेव रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए और अभी तक उनका पता नहीं चल रहा है
4.)आस्था चेनल के चेयरमैन किरीट मेहता….जो बहुत दिन गायब हो कर विदेशो में प्रकट हुए
दोस्तों मुझे जो लगा वो मेने लिख दिया अगर मेने कही कुछ गलत लिखा है तो मुझे माफ़ कर देना।लेकिन राजीव दीक्षित जी बहुत ही महान आदमी थे जिन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपने देश और दूसरे लोगो के लिए जिये थे
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