हेलो दोस्तों आज हम आपको Shrikhand Mahadev Story in Hindi या श्रीखंड महादेव के बहुत सारे बातें जानेंगे। श्रीखंड महादेव भगवान शिव के निवास स्थान में से एक हैं और हिंदुओं इसे तीर्थस्थल के रूप में मानते है। यहाँ पर जो शिवलिंगम है उसकी उचाई 75 फीट यानि 5227 मीटर की ऊंचाई पर है ये यात्रा सिर्फ 15-20 दिनों के लिए खुलती है। इस आर्टिकल में हम आपको ये भी’बतायंगे की आपको Shrikhand Mahadev पर कब जा सकते है और क्या क्या लेके जा सकते है।
Shrikhand Mahadev Story in Hindi
श्रीखंड महादेव पर्वत के पीछे की कहानी बहुत मज़ेदार है ये बात उन दिनों की है जब भस्मसुर नाम का राक्षस हुवा करता था उसने कठोर तपस्या करके भगवन शिव को प्रसन्न कर लिया और एक वरदान माँगा की वह किसी भी वयकति के सर को छुएगा तो वह भस्म हो जाये ऐसा वरदान दे दो।
भगवन शिव ने उससे ऐसा ही वरदान दे दिया उसके बाद भस्मसुर इस वरदान को पाकर भगवन शिव को ही भस्म करने के लिए शिव छूना चाहता था लेकिन भगवान शिव की भगवान विष्णु से मदद कर दी और शिव सबसे ऊपर पहाड़ो में जा कर छिप गए। उन्ही पहाड़ो को आज श्रीखंड पर्वत कहा जाता है।
भस्मसुर को भगवान विष्णु ने एक सूंदर लड़की मोहिनी का रूप लेकर भस्मसुर को खुदे सिर पर हाथ रख दिया और वो खुद राख में बदल गया।
यह स्थान आज भी भीम डुआरी में लाल रंग की धरती के रूप में देखा जा सकता है । भस्मासुर के समाप्त हो जाने के बाद भी जब भगवान शिव श्रीखंड रूपी शिला से बाहर नहीं आये तब गणेश, कार्तिकेयन और माँ पार्वती ने इसी स्थान पर घोर तपस्या की तब जाकर महादेव श्रीखंड शिवलिंग रूपी चट्टान को खंडित करके बाहर आये ।
श्रीखंड महादेव एक 72 फीट ऊँचा खंडित शिवलिंग है । हर साल में यह यात्रा सावन मास में ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 2 हफ़्तों के लिए खुलती है । साल 2014 से इस यात्रा की पूरी जिम्मेदारी सरकार के हाथ में चली गयी है जिसके तहत सभी यात्रियों की यात्रा पंजीकरण यानि इन्शुरन्स सिंहगाड में होता है ।
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए मुख्यतः 2 ही मार्गों का इस्तेमाल किया जाता रहा है परन्तु कुछ हवाबाज़ तीसरे रास्ते से भी आते है
इस https://himalayanwomb.blogspot.com ब्लॉग के अनुसार श्रीखंड महादेव जाने के 6 रास्ते है आप अपनी सुविधा अनुशार अपना रास्ता देख सकते है।
श्रीखंड महादेव की यात्रा से जुड़े हुई जानकारी।
श्रीखंड महादेव एक पर्वत का नाम है जो 18 हजार फुट की ऊंचाई पर है जहा तक पहुंचने के लिए आपको बहुत से छोटे झरने ,घाटियों और सूंदर वादियों से होकर गुजरता है। 18 हजार फुट पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है। रास्ते में और भी धार्मिक स्थल व देव शिलाएं अति है
श्रीखंड से करीब 50 मीटर पहले पार्वती, गणेश व कार्तिक स्वामी की मुर्तिया भी हैं।
अगर आप जाना चाहते है तो में आपको बता देना चाहता हु की वह खच्चर भी नहीं मिलते है आपको सारी चढ़ाई खुद ही करनी होती है। श्रीखंड महादेव की यात्रा रामपुर बुशैहर से होती हुई निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल तक जाता है
लोगो सेफ्टी को देखते हुवे इस टीम की गठन भी किया गया है और सभी रास्तों की मरम्मत भी की गयी है ताकि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो सके और सभी यात्रिको का पंजीकरण किया जाता है 00 रुपए पंजीकरण शुल्क के रूप में लिए जाते है। मेडिकल चेकअप के बाद ही श्रद्धालुओं को यात्रा आरंभ करने की अनुमति दी जाती है। यात्रा के दौरान बचाव दल और मेडिकल टीमें हर समय तैनात रहेंगी। पंजीकरण के बगैर किसी भी श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी
आपके लिए श्रीखंड महादेव की कुछ फोटो मेरे दोस्त अविनाश वर्मा ने हमें दी है अगर आपको अच्छी लगे तो हमें कमेंट करके जरूर बातये।
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